आखिर ये आटोमोबाइल इंडस्ट्री देश को दे क्या रही है !

आखिर ये आटोमोबाइल इंडस्ट्री देश को दे क्या रही है !


विदेशी कार और बाइक कंपनी देश के लिए अभिशाप है! न सिर्फ उपभोक्ताओं को वरन पूरे देश का कर रही है शोषण!? 


भारत में आज 95 प्रतिशत से ज्यादा कार व बाइक निर्माता कंपनी या तो विदेशी हैं या फिर उनकी साझेदारी है! और साझेदारी में भी भारतीयों कंपनीयो का हिस्सा बहुत कम है! बहुत ज्यादा मुनाफे में ये कंपनीया भारत में अपनी कारे और बाइक बेचती है! 99 फ़ीसदी कारे और बाइक बेंको या कंपनीयो के स्वयं की फ़ाइनेंस कंपनीयो द्वारा बेची जाती है जिसकी वजह से एक भारतीय उपभोक्ता को बाइक या कार तकरीबन दुगनी कीमत में मिलती है!
कंपनियों के अधिकृत वर्कशॉप में तो गाड़ी सुधारने के नाम पर सिर्फ लूट और डकेती डाली जा रही है !?ओरिजिनल पार्ट्स के नाम पर लूट गाड़ी के क्लच ,गियर या इंजन में काम आ जाय तो ये अधिकृत वर्कशॉप वाले प्राइवेट अस्पतालों को मात कर रहे है !हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट से ज्यादा चार्ज कर रहे है !?


आज भारत की बेंको का तकरीबन 50 फीसदी पैसा आटोमोबाइल इंडस्ट्री, शोरूम व कार और बाइक लोन में लगा है! इस इंडस्ट्री का सारा मुनाफा विदेशी कंपनीयो को जाता है. कार्पोरेट सोशल रेसपोंसिबिलटी (CSR) के तहत भारत के गाओ के विकास, हेल्थ, शिक्षा, युवाओ में स्किल डेवलपमेंट, पर्यावरण, और महिला सशक्तीकरण के लिए इन विदेशी कार और बाइक निर्माता कंपनीयो ने आज तक कुछ नहीं किया!?
स्टेट और नेशनल हाई वे पर न कोई रेस्ट रूम, होटल या सराय बनायी न ही पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए शहरों व हाइवे पर व्रक्षारोपण के लिए कोई मुहिम चलाई!? 


और तो और इन्होने आज तक देश में एक्सिडेंट से होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों और घायलों के लिए सड़को पर न कोई अस्पताल, मोबाइल वैन या फ़र्स्ट ऐड डॉक्टर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए आउट लेट खोलने के लिए कुछ किया!? सड़कों, शहरों और हाइवे पर लगने वाले जाम को व्यवस्थित करने, यातायात सुरक्षा, स्किल ड्राइवर, ट्रेफिक नियमों से लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी तक नही उठाई l