प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को योगा पुरस्कार प्रदान करेंगे
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में योग के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे। इन पुरस्कारों की घोषणा रांची में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर की गई थी। आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पिछले साल के दो विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री विद्वानों, चिकित्सकों और आयुष प्रणालियों से इलाज करने वालों के सम्मान में 12 स्मारक डाक टिकटें जारी करेंगे। इन स्मारक डाक टिकटों पर आयुष प्रणालियों के इन इलाज करने वालों के महान कार्यों पर प्रकाश डाला जाएगा तथा उनकी उपलब्धियों का अभिनंदन किया जाएगा।
योग के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना और घोषणा 21 जून, 2016 को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई थी। तब से यह पुरस्कार इस क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तियों को दिया जाता है। वर्तमान वर्ष में 79 नामांकनों और पिछले साल के 186 नामांकनों में से विभिन्न श्रेणियों के अनतर्गत विजेताओं का चयन किया गया। विजेताओं की घोषणा रांची में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई थी। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से नवाजा जाएगा। वर्ष 2019 के योग पुरस्कार विजेता हैं,- व्यक्तिगत-राष्ट्रीय श्रेणी में लाइफ मिशन, गुजरात के स्वामी राजर्षि मुनि, , व्यक्तिगत-अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में इटली की सुश्री एंटोइत्ता रोजी, संगठन-राष्ट्रीय श्रेणी में, बिहार स्कूल ऑफ योग, मुंगेर, बिहार और अंतर्राष्ट्रीय संगठन श्रेणी में जापान योग निकेतन, संगठन जापान तथा वर्ष 2018 के योग पुरस्कार के विजेता हैं- व्यक्तिगत-राष्ट्रीय श्रेणी में श्री विश्वास मांडलिक, नासिक और संगठन – राष्ट्रीय श्रेणी में योग संस्थान, मुंबई।
प्रधानमंत्री हरियाणा में 10 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का भी शुभारंभ करेंगे और यह अगले तीन वर्षों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को चालू करने की आयुष मंत्रालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं। समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में आयुष संघटकों को सम्मिलित किया गया है। ये केंद्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 को पूर्णता प्रदान करेंगे, जिसमें पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की आयुष सेवाओं को सम्मिलित किए जाने और मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया गया है।
यह व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए समग्र, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास और प्रशामक आयुष को मुख्यधारा में लाने की एक ऐतिहासिक शुरुआत होगी। इन स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में मुख्य रूप से समाज को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुष आधारित स्वस्थ भोजन और जीवनशैली, सामाजिक व्यवहार और औषधीय पौधों के उपयोग को आत्मसात कर 'स्वयं की देखभाल' करने में समर्थ बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और दवाओं के लिए भी प्रावधान किये जायेंगे। ये सेवाएं वर्तमान में जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अलावा होंगी।