रेत खदानों की नीलामी के पहले आम जनता से सुझाव लेना, कमलनाथ सरकार का सराहनीय कदम*

*रेत खदानों की नीलामी के पहले आम जनता से सुझाव लेना, कमलनाथ सरकार का सराहनीय कदम*


*शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुई थी रेत की बंदरबांट, कमलनाथ सरकार बरत रही है पूरी पारदर्शिता: शोभा ओझा*


मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने प्रदेश की रेत खदानों की नीलामी के पूर्व, आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने को कहा है। श्रीमती ओझा ने कहा कि रेत और गौण खनिज की एक ऐसी नीति तैयार करना, जिससे अवैध उत्खन्न रोकने के साथ ही पूरी पारदर्शिता भी अपनाई जा सके, उसके लिए मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयास सराहनीय व स्वागतयोग्य हैं। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि कमलनाथ जी ने निर्देशित किया है कि जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर ही, रेत खदानों की नीलामी की प्रक्रिया तय की जाये, जिससे स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ ही, पंचायतों को बढ़ी हुई राशि भी मिलेगी और इस प्रक्रिया से नीलामी होने के कारण जहां पूरी पारदर्शिता होगी, वहीं भविष्य में भी कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
श्रीमती ओझा ने आगे बताया कि प्रदेश और यहां के लोगों के हितों के संरक्षण हेतु, गौण खनिज नीति में बदलाव लाने के निर्देश देने के साथ ही, कमलनाथ जी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि खदानों के लीज आवंटन में, प्रदेश में स्थापित उद्योगपतियों को ही प्राथमिकता दी जाये, साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि नीति ऐसी हो जिसमें इस बात का भी समावेश हो कि प्रदेश की खनिज संपदा की प्रोसेसिंग भी प्रदेश में ही हो, इससे न केवल हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी बढे़ंगी।
श्रीमती ओझा ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि श्री नाथ ने प्रदेश के उन हितग्राहियों को, जो स्वयं प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय बनाते हैं, उन्हें बगैर किसी राॅयल्टी के रेत उपलब्ध कराने की बात कही है। इस नीति में पारंपरिक रूप से मिटटी के बर्तन बनाने वाले, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले लोगों को भी, स्वयं के उपयोग के लिए, एक बार में दस घन मीटर रेत निःशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं, जो सरकार का एक स्वागतयोग्य निर्णय है।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि पिछली सरकार ने, जहां प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों की संगठित लूट में सहभागिता करते हुए, माफियाओं को खुला संरक्षण दिया, वहीं यह सरकार, हर वह प्रयास कर रही है, जिससे प्रदेश की खनिज संपदाओं का लाभ माफियाओं की अपेक्षा, प्रदेश के आम लोगों को प्राप्त हो।