अमानक खाद-बीज पर ठोस कार्यवाही नहीं होने पर कमिश्नर हुए खफ़ा* *धार और झाबुआ के उप संचालक कृषि की एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के दिए नोटिस*

*अमानक खाद-बीज पर ठोस कार्यवाही नहीं होने पर कमिश्नर हुए खफ़ा*
*धार और झाबुआ के उप संचालक कृषि की एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के दिए नोटिस*
इन्दौर 31 अगस्त 2019
      संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने आज कहा कि संभाग के सभी जिलों में अमानक खाद-बीज और कीटनाशकों के प्रकरण में और अधिक प्रभावी कार्यवाही होनी चाहिये। कृषि विभाग इस बात की गांठ बांध लें कि उनका मुख्य काम किसानों के हितों का संरक्षण है। अमानक स्तर के खाद-बीज बनाने वाली कम्पनियों एवं उनका क्रय-विक्रय करने वाले संस्थानों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। कार्रवाई में उदासीनता बरतने तथा लापरवाही करने वाले किसी भी स्तर के अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। उनके विरूद्ध भी कठोर कार्रवाई होगी।  
     संभागायुक्त ने इस बात पर नाराज़गी जतायी कि विभिन्न ज़िलों के कृषि अमले द्वारा अमानक खाद-बीज और उर्वरक पर अपेक्षित ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है, जबकि इस बाबत उन्हें पूर्व में भी निर्देश दिए गए थे। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने आज कमिश्नर कार्यालय में कृषि विभाग की बैठक लेकर अब तक हुई कार्यवाही की समीक्षा की। धार और झाबुआ के उपसंचालक कृषि द्वारा इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर उन्होंने दोनों की एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त संचालक कृषि श्री आर.एस. सिसोदिया सहित सभी ज़िलों के उपसंचालक कृषि उपस्थित थे ।
      बैठक में संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि इन्दौर संभाग में वर्मी कम्पोस्ट और एस.डब्ल्यू.आई. पद्धति से गेहूं उत्पादन का कार्य प्राथमिकता पर रखा गया है। इंदौर संभाग में इस साल कुल 9000 वर्मी पिट जैविक खेती के लिए बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक विभिन्न ज़िलों में 2 हजार 358 वर्मी पिट बनाये जा चुके हैं। एस.डब्ल्यू.आई. पद्धति से संभाग में गेहूं उत्पादन के लिए 1628 किसानों का चयन किया गया है। प्रत्येक किसान द्वारा इस पद्धति से एक एकड़ क्षेत्र में गेहूं लगाया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष संभाग के सभी ज़िलों में अच्छी वर्षा हुई है। साथ ही हाल की अति वर्षा से भी फसलों को अधिक नुक़सान नहीं पहुँचा है। सर्वे कार्य सतत जारी है।
     बैठक में खेतों की मिट्टी में उर्वरा शक्ति की पहचान के लिए बनाए जा रहे मृदा परीक्षण कार्ड की भी समीक्षा की गई। संयुक्त संचालक कृषि द्वारा बताया गया कि संभाग में 15 हज़ार नमूनों का लक्ष्य रखा गया है। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिया है कि मृदा परीक्षण के बाद किसानों को अवश्य बताएँ कि उनके खेत की मिट्टी में कौन से उर्वरक तत्वों की कमी हैं और किस तरह से इस कमी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल किसानों के लिए मृदा परीक्षण कार्ड बनाया जाना ही काम की इतिश्री नहीं है।
     बैठक में समीक्षा के दौरान संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि बीज निगम अपने बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। किसानों को गुणवत्ता पूर्ण मानक स्तर के ही बीज उपलब्ध करायें। किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें।