अमित शाह के चक्रव्यू में फंसे 'कमलनाथ'* - नौ महीने में चार बड़ी कार्यवाहियां - मित्रों और रिश्तेदारों का भी बड़ा नुकसान

*अमित शाह के चक्रव्यू में फंसे 'कमलनाथ'*
- नौ महीने में चार बड़ी कार्यवाहियां
- मित्रों और रिश्तेदारों का भी बड़ा नुकसान
रवीन्द्र जैन
भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रचे चक्रव्यू में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ बुरी तरह उलझ गए हैं। पिछले नौ महीनों में उनके ऊपर 4 बड़ी कार्यवाहियां हुईं हैं। जिसमें स्वयं कमलनाथ, उनके बेटे नकुलनाथ, उनकी बहन नीता पुरी उनके बहनोई दीपक पुरी और उनके भांजे रतुल पुरी उनके सबसे विश्वसनीय सहयोगी राजेंद्र कुमार मिगलानी तक पर निशाने साधे जा रहे हैं। कमलनाथ पर सबसे बड़ा हमला 35 साल पुरानी सिख दंगों की फाइल खोलने को लेकर है। यही नहीं सिख समाज के बड़े नेताओं से बयान दिलावाए जा रहे हैं कि कमलनाथ को सज्जन कुमार की तरह तिहाड़ जेल भेजा जाए। दो ऐसे गवाह तैयार किए गए हैं जो इन दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर कोर्ट में प्रस्तुत होंगे। 
मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले दो महीने बाद अपने जीवन के 73 वर्ष पूरे करेंगे। अपने 50 साल के राजनैतिक जीवन में शायद वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। मप्र की कुर्सी उनके लिए कांटों का ताज साबित हो रही है। प्रदेश में एक ओर राजा और महाराजा के गुटों के नेता सरकार पर हमले पर हमले कर रहे हैं तो दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी उन्हें उनके परिजनों और मित्रों को पूरी तरह घेर लिया है।


पहला हमला
कमलनाथ पर हमले की शुरुआत लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उनके सबसे विश्वसनीय सहयोगी राजेंद्र कुमार मिगलानी और उनके ओएसडी के यहां छापों से हो गई थी। भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों में दावा किया जा रहा है कि 281 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति मिली है। फिलहाल इस मामले को बेशक प्रवीण कक्कड़ ने इंदौर हाई कोर्ट में चुनौती दी है लेकिन भारत सरकार पूरे मामले को सीबीआई को सौंपने की तैयारी में है। इस मामले में कमल नाथ के नजदीकी लोगों के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भी लपेटने की तैयारी है। 


दूसरा हमला
कमलनाथ पर दूसरा हमला उनके सांसद बेटे के कॉलेज पर किया गया। मप्र में कांग्रेस की ओर से छिंदवाड़ा की एक मात्र सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की। 23 मई को नकुलनाथ सांसद बने और ठीक 6 दिन बाद 29 मई को नकुलनाथ के गाजियाबाद स्थित कॉलेज की जमीन का आवंटन उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने रद्द कर दिया। गाजियाबाद का प्रसिद्ध इंस्ट्टीयूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आईएमटी)कॉलेज के चेयरमैन नकुलनाथ हैं। इस कॉलेज को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 10841 वर्गमीटर जमीन भी दी हुई है। योगी सरकार ने भाजपा के स्थानीय पार्षद राजेंद्र त्यागी की मामूली शिकायत पर न केवल इस आवंटन को रद्द किया बल्कि कॉलेज के भवन को ध्वस्त करने के निर्देश भी दे दिए। इस मामले में कमलनाथ के मित्र वकील विवेक तन्खा ने कोर्ट से स्थगन ले लिया है, लेकिन योगी सरकार स्थगन आदेश रद्द कराने के प्रयास में है। 


तीसरा हमला
कमल नाथ पर दूसरा और बड़ा हमला उस समय बोला जब कमल नाथ ने 25 जुलाई को मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल को तोड़ लिया। इसके कुछ दिनों बाद ही ईडी और सीबीआई सक्रिय हुए और कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी शिकंजा कसना शुरू हो गया। उन पर वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के 3600 करोड़ के सौदे में कमीशन लेने का आरोप लगाया गया। अगस्त के पहले और दूसरे सप्ताह में जांच एजेंसियां रतुल पुरी और उनके माता-पिता के पीछे हाथ धो कर पड़ गईं। रतुल को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पिता दीपक और माता नीता सहित उनके व्यवसायिक सहयोगी संजय जैन, विनीत शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। रतुल पुरी का दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में लगभग 300 करोड़ का बंगला सीज कर लिया गया। 284 करोड़ की संपत्ति सीज की गई और 254 करोड़ के बेनामी शेयर भी जब्त किए गए। इस संबंध में रतुल पुरी ने कोर्ट में साफ कहा कि उनके उपर यह कार्यवाही राजनैतिक द्वेश के कारण की जा रही है। रतुल का कहना है कि उनके मामा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है इसलिए दबाव बनाने उन पर कार्यवाही की जा रही है।


चौथा हमला
कमलनाथ पर चौथा और सबसे बड़ा हमला इसी महीने अमित शाह के विभाग ने सीधे-सीधे बोल दिया है। गृहविभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी कर संसद मार्ग थाने की एफआईआर क्रमांक 601/84 को पुन: खोलने का आदेश दे दिया है। इसके जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर नए सिरे से जांच की जाना है। जबकि इस मामले में पहले ही एसआईटी कमलनाथ को क्लीन चीट दे चुकी है। बताया जाता है कि दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में भीड़ घुस गई थी। उस समय कमलनाथ की उपस्थिति वहां बताई गई थी। एक पक्ष का कहना है कि कमलनाथ भीड़ को उकसा रहे थे जबकि दूसरे पक्ष का दावा है कि कमलनाथ लोगों को समझाने का काम कर रहे थे। 35 साल पुराने इस मामले पर सिख नेताओं को भी आगे कर दिया गया है। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष मनिंदर सिंह सिरसा खुलकर कमलनाथ के खिलाफ बयान दे रहे हैं। सिरसा का दावा है कि यदि भारत सरकार सुरक्षा दे तो दो ऐसे व्यक्ति हैं जो कमलनाथ के खिलाफ कोर्ट में गवाही देंगे। सिरसा यह भी दावा कर रहे हैं कि बहुत जल्दी कमलनाथ भी सज्जन कुमार के साथ तिहाड़ जेल में दिखाई देंगे।