प्रदेश-निकाला" मिलने के बाद, अपने राजनैतिक पुनर्वास की लालसा में, शिवराज दे रहे हैं ऊलजलूल बयान   कांग्रेस को कोसने की बजाय, अपने कार्यकाल में चले जंगलराज के लिए "प्रायश्चित-पत्र" लाएं शिवराज : शोभा ओझा

  प्रदेश-निकाला" मिलने के बाद, अपने राजनैतिक पुनर्वास की लालसा में, शिवराज दे रहे हैं ऊलजलूल बयान


  कांग्रेस को कोसने की बजाय, अपने कार्यकाल में चले जंगलराज के लिए "प्रायश्चित-पत्र" लाएं शिवराज : शोभा ओझा


मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी, मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली पराजय के बाद, जबसे मोदी-शाह की जोड़ी ने कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं के कहने पर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को ''प्रदेश निकाला'' दिया है, तब से ही प्रदेश में अपने राजनैतिक पुनर्वास की लालसा में, वे लगातार ऐसे ऊलजलूल बयान दे रहे हैं। बेहतर तो यह होता कि वे कांग्रेस को कोसने की बजाय, अपने डेढ़ दशक लंबे जंगलराज के लिए, प्रदेश की आहत जनता के सामने, कोई प्रायश्चित पत्र ले कर आते। 


शिवराज सिंह चैहान द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दिये ताजा बयान के संदर्भ में उक्त जवाबी हमला करते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्षा ने आगे कहा कि कांग्रेस पर प्रदेश को तबाह करने का आरोप लगाने वाले शिवराज सिंह को कांग्रेस की गुटबाजी की जो चिंता हो रही है, वह इसलिए बेमानी है क्योंकि पिछले 8 महीनों में ही कमलनाथ सरकार, प्रदेश को विकास की पटरी पर वापस ले आई है और उसके सैकड़ों जनहितैषी फैसलों से अब यह साफ हो गया है कि कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में मध्यप्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जो कि शिवराज के पंद्रह वर्षीय लंबे कार्यकाल के बाद भी, फिलहाल केवल बिहार और झारखंड से आगे है।


श्रीमती ओझा ने कहा कि पूरी भाजपा, जो स्वयं गुटबाजी से त्रस्त है और जिसके नेताओं में लगातार अपना वजूद सिद्ध करने और श्रेय लेने की होड़ मची हुई है, उसके नेता शिवराज सिंह, जिन्हें उनकी पार्टी द्वारा ''प्रदेशनिकाला '' दिया जा चुका है, वो प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से श्रेय छीनने की लगातार कोशिशों के चलते सुखिर्याें में बने रहने के लिए, कांग्रेस के विरूद्ध अनर्गल बयान देते रहते हैं।


श्रीमती ओझा ने अपने बयान के अंत में यह भी कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने की बजाय शिवराज सिंह को अपने डेढ़ दशक लंबे ''जंगलराज'' पर प्रायश्चित-पत्र लाना चाहिए, जिससे उस जनता के मन में, उनके लिए थोड़ी बहुत सहानुभूति जागे, जिसने गरीबी, बेरोजगारी भ्रष्टाचार, कुपोषण के अलावा, व्यापमं, ई-टेंडरिंग, पेंशन, डंपर, वृक्षारोपण, सिंहस्थ जैसे महाघोटालों और अवैध उत्खनन से त्रस्त होकर, पिछले विधानसभा चुनावों में उन्हें करारा सबक सिखाते हुए, यह साफ कर दिया था कि 47 हजार बलात्कारों, 21 हजार किसान आत्महत्याओं और 6 किसानों ने नरसंहार के लिए वह शिवराज सरकार को किसी भी सूरत में माफ नहीं करने वाली है।


अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि प्रदेश की जनता के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले, शिवराज सिंह चैहान की असलियत से प्रदेश की जनता वाकिफ है और अभी आठ महीने पहले ही, उसने इसका सबूत भी शिवराज सिंह चैहान व उनकी पार्टी को दे दिया है।