वैध अनुज्ञप्ति धारक यातायात अभिकर्ता ही वैध टेक्सी कार, व्यवसायिक ऑटो रिक्शा, दो पहिया वाहन ही किराये पर यात्रियों को दे सकेंगे   धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

 


  वैध अनुज्ञप्ति धारक यातायात अभिकर्ता ही वैध


टेक्सी कार, व्यवसायिक ऑटो रिक्शा, दो पहिया


वाहन ही किराये पर यात्रियों को दे सकेंगे



  धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी


 


इंदौर 31 अगस्त,2019
इंदौर जिले में लोक शांति बनाये रखने तथा यात्रियों के परिवहन में लगी अवैध वाहनों के रोकथाम के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुये कहा गया है कि वैध अनुज्ञप्ति धारक यातायात अभिकर्ता ही वैध टेक्सी कार, व्यवसायिक ऑटो रिक्शा, दो पहिया वाहन ही निर्धारित  किराये पर यात्रियों को दे सकेंगे। निजी कार /दो पहिया वाहन/ऑटो रिक्शा के माध्यम से कोई परिवहन सुविधा लेकर अब उपलब्ध नहीं करा सकेंगे।


  इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री लोकेश कुमार जाटव ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार ऐसे संचालक / व्यक्ति जिन्होंने परिवहन विभाग से यातायात अभिकर्ता की अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं की है, वह एप बेस्ड प्लेटफार्म के माध्यम से या सीधे तौर पर यात्रियों के परिवहन हेतु  टेक्सी कार, व्यावसायिक ऑटो रिक्शा, दो पहिया वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी व्यवसाय संचालित नहीं कर सकेंगे। यह आदेश एक सितम्बर,2019 से प्रभावशील होकर आगामी 30 अक्टूबर,2019 तक लागू रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। 
 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, पुलिस व अन्य माध्यमों से ज्ञात हुआ है  कि इन्दौर शहर में परिवहन विभाग के अन्तर्गत विभिन्न संचालकों द्वारा एप बेस्ड प्लेटफार्म के माध्यम से व सीधे रूप से संचालन कर यात्रियों के परिवहन हेतु टेक्सी कार, ऑटो रिक्शा, दो पहिया वाहन की सुविधा किराये पर उपलब्ध कराई जा रही है । इन्दौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ द्वारा जिला प्रशासन के समक्ष इस प्रकार के अवैध रूप से संचालन पर रोक लगाई जाकर इनके विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया गया था। इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा जॉच करते हुये ऐसे अवैध रूप से संचालित वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही कर 85 वाहन जप्त भी किये गये । इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा इस प्रकार से संचालन करने वाली कुछ एजेन्सियों के कार्यालयों पर जाकर उन्हें निर्देशित किया गया  कि मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 119 के अन्तर्गत वैद्य यातायात अभिकर्ता की अनुज्ञप्ति प्राप्त कर ही व्यवसाय का संचालन करें व तत्काल इस प्रकार के अवैध संचालन को बंद किया जाये । इसके उपरान्त भी लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी तथा यह  देखने में आ रहा है कि कुछ एजेन्सियों, व्यक्तियों द्वारा अभी भी इस प्रकार से अवैध संचालन किया जा रहा है। इसके मद्देनजर प्रभावी कार्यवाही के लिये उक्त आदेश जारी किया गया।