*भार्गव को तत्काल पद मुक्त कर, किसी योग्य चिकित्सक से, अविलंब उनका इलाज कराये भाजपा : शोभा ओझा*
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण दूर करने के प्रति अपनी स्पष्ट मंशा और गंभीर प्रयासों के तहत, आंगनवाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडे बांटे जाने के प्रस्ताव पर भाजपा नेताओं के विरोध को, उनका मानसिक दिवालियापन बताते हुए कहा है कि प्रदेश में भाजपा नेताओं को लगातार ऊलजलूल बयान देकर, अपनी राजनीति चमकाने की तो चिंता है लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कुपोषण और खराब स्वास्थ्य के प्रति उनकी कोई चिंता नहीं है और यही एक बड़ा कारण है कि 15 वर्षों के लंबे भाजपाई शासनकाल के बाद भी, मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में लगातार देश का नंबर एक राज्य बना रहा।
आज जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने भाजपा पर उक्त आरोप लगाते हुए आगे कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का यह कहना कि आंगनवाड़ियों में अंडा वितरण के प्रस्ताव से लोगों की धार्मिक आस्थाएं आहत होंगी, पूरी तरह से विवेकहीन और हास्यास्पद बयान है क्योंकि सरकार, अंडा सेवन को अनिवार्य नहीं, बल्कि ऐच्छिक रखेगी और दूसरा यह कि भोजन के रूप में कौन क्या ग्रहण करेगा, यह व्यक्ति का नितांत निजी अधिकार है, इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता और न ही इस आधार पर किसी व्यक्ति को अपने धर्म से विमुख माना जा सकता है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का यह कहना कि अंडे खाने से बच्चे नरभक्षी हो सकते हैं, पूरी तरह से आधारहीन और एक मानसिक रोगी के दिमाग की उपज लगता है। श्रीमती ओझा ने कहा कि दुनिया में या देश में, जितने भी लोग अंडा खाते हैं, क्या वे नरभक्षी हैं? भाजपा के वे नेता या सदस्य, जो अंडा खाते हैं, क्या वे नरभक्षी हैं?
श्रीमती ओझा ने अपने बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कैलाश विजयवर्गीय और गोपाल भार्गव जैसे दोहरे चरित्र वाले नेता, कृपा करके यह भी जनता के सामने स्पष्ट करें कि उत्तराखंड, असम, झारखंड और कर्नाटक जैसे राज्यों में, जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां भी अंडा वितरण होता है, क्या वहां के बच्चों के भी नरभक्षी हो जाने का खतरा है?
श्रीमती ओझा ने कहा कि ऐसे लाखों-करोड़ों लोग, जो अंडे का सेवन करते हैं, उन्हें नरभक्षी करार देकर उनकी भावनाओं को आहत करने व उन्हें अपमानित करने के लिए दोषी, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को अविलंब प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए और भाजपा को भी चाहिए कि वह अपने ऐसे मानसिक रूप से बीमार नेता को उनके पद से मुक्त कर, किसी योग्य चिकित्सक से उनका अविलंब इलाज कराए।