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झाबुआ उपचुनाव: भाजपा के बागी ने कांतिलाल भूरिया की राह आसान की l


झाबुआ उपचुनाव: भाजपा के बागी ने कांतिलाल भूरिया की राह आसान की
 मध्यप्रदेश में होने जा रहे झाबुआ उप  चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं लग रही है।चुनाव में बीजेपी के कई दावेदार थे जिन्हें टिकिट नहीं मिलने के कारण वे  खुलकर भाजपा प्रत्याशी भानु भूरिया के खिलाफ लामबंद हो गए।  कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को चुनाव मैदान में उतारा है। लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में जेवियर मेड अपनी दावेदारी एवं ठोक रहे थे।उनकी कमलनाथ से मुलाकात के बाद वह शांत हो गए ओर वह भी भूरिया के साथ कदमताल कर चुनाव प्रचार में लग गए हे।
   पिछले विधानसभा चुनाव में रतलाम संसदीय क्षेत्र के झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के गुमान सिंह डामोर विधायक निर्वाचित हुए थे।परन्तु उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कांग्रेस के कदावर नेता कांतिलाल भूरिया के सामने झाबुआ संसदीय क्षेत्र से टिकिट देकर मैदान में उतारा।जिसमे उन्होंने कांतिलाल भूरिया को करीबन नब्बे हजार मतों से शिकस्त देकर पार्टी का परचम फहराया। पार्टी ने डामोर को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिला दिया।उससे रिक्त हुई सीट से फिर उपचुनाव होने जा रहे हे। जहां 21 अक्टूबर को मतदान हे। इस चुनाव में कांतिलाल भूरिया की प्रतिष्ठा पूरी तरह दाव पर लगी हुई है।पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र विक्रांत भूरिया भी चुनाव हार गए थे।
     इधर भाजपा में टिकिट वितरण से पहले ही घमासान मचा हुआ है भाजपा ने बरसों से पार्टी की सेवा करने वाले कई कार्यकर्ता एवं नेताओ को दरकिनार करते हुए भानु भूरिया को मैदान में उतारा है। इसके कारण कई वरिष्ठ नेता पार्टी के फैसले से नाराज हो गए हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष कल्याणसिंह डामोर ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में आकर दोनों भूरिया से मुकाबला कर रहे हैं। भले ही डामोर चुनाव में विजयी नहीं हो परंतु भानु भूरिया की हार निश्चिती कर दी है। पार्टी हाईकमान भी नजर लगाए हुए हैं और आखिरी समय में अगर पार्टी ने कल्याण सिंह डामोर को चुनाव मैदान से हटाने में सफल हो गई तो निश्चिती दोनों भूरिया के बीच मुकाबला कांटे का हो जाएगा। नहीं तो कांतिलाल भूरिया की विजय को कोई रोक नहीं सकता है।