काश इन्वेस्टर इंदौर की गलियों का भी घूमने को कह दे। तो ही ये जर्जर सड़कें सुधर पाएगी। 

काश इन्वेस्टर इंदौर की गलियों का भी घूमने को कह दे। तो ही ये जर्जर सड़कें सुधर पाएगी। 


इंदौर में 17 oct इन्वेस्टर समिट का आगाज होने वाला है। जिसे लेकर पूरा के पूरा सरकारी अमला और मशनरी इन्वेस्टर के आने जाने मार्ग को संजाने धजाने में लगा हुआ है। गड्ढे वाली सड़को पर लीपापोती जारी है। पेचवर्क देख हर कोई हतप्रभ है। अभी से इस मार्ग पर रंगबिरंगी रोशनी भी मन को छू रही है। मगर फिर इन्वेस्टर आने वाले उघोगपति काश इंदौर अन्य सड़को पर घूमने की इच्छा जता दे तो कितना अच्छा होगा। क्योंकि फिलहाल इन्वेस्टर समिट मार्ग को छोड़ अन्य सड़को की जो दुर्दशा हो रही है। वह अपने हालातो पर आंसू बहा रही है। फिलहाल जो इन अन्य सड़को की स्थितियां है वह वाहन चालकों का सर दर्द बनी हुई है। बिना हिले डुले और पेट का पानी हिलाये इन सड़कों से गुजरना नामुमकिन है। मानो सड़को पर वाहन चलाने की बजाय कोई बन्दा चलती गाड़ियों में किसी पॉप सांग पर डांस कर रहा हो। फिर ऐसे हालातो में किसी उघोगपति ने इंदौर की अन्य सड़को पर घूमने की इच्छा जता दी तो क्या होगा। सड़क में गड्ढे जो इस वक्त वाहन चालकों के लिए अच्छे नही है। केवल एक सड़क मार्ग को दुरुस्त करना। ठीक है यह इंदौर की शान की बात जो है। लेकिन महोदय इंदौर में लाखों लोग भी रहते है जो पूरा साल इन्ही कठिन डगर से गुजरते रहते है। जिनका वाहन चलाना मुश्किल ही नही नामुमकिन होता जा रहा है। फिर प्रमुख कॉलोनियों मार्ग हो या इंदौर के कई प्रमुख मार्ग जिनकी सड़कें सरकारी उपचार की गुहार लगा रही है।