मोदी सरकार ने बुधवार को 5300 विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज के रूप में 5.5 लाख रुपये के एकमुश्त भुगतान को मंजूरी

*मोदी सरकार ने बुधवार को 5300 विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज के रूप में 5.5 लाख रुपये के एकमुश्त भुगतान को मंजूरी*
जम्मू, जेएनएन-: केंद्रीय सरकार ने बुधवार को 5300 विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज के रूप में 5.5 लाख रुपये के एकमुश्त भुगतान को मंजूरी 
दे दी। ये वे विस्थापित परिवार हैं, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से थे और बाद में जम्मू और कश्मीर से बाहर बस गए। उसके बाद फिर राज्य में आकर रहने लगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने एतिहासिक गलती को सुधारा है।
असल में 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाम कश्मीर से विस्थापित हुए परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी। ये योहना उन विस्थापितों के लिए थी जो विभाजन के बाद कई कारणों से पलायन कर यहां जम्मू और कश्मीर में बस गए थे। जावड़ेकर ने कहा कि कई परिवार ऐसे में भी जो गुलाम कश्मीर से पलायन कर यहां आए थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बाहर बस गए थे। उन्हें इस पुनर्वास पैकेज से बाहर रखा गया था।
बाद में ये परिवार फिर से जम्मू और कश्मीर में आकर बस गए थे। इन परिवारों की संख्या करीब 5,300 के करीब है। अब इन परिवारों को भी पुनर्वास पैकेज में शामिल किया गया है।
सनद रहे कि केंद्र सरकार ने गुलाम कश्मीर और छंब से विस्थापित 36,384 परिवारों को 2000 करोड़ रुपये की मदद देने का फैसला किया था। वर्ष 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान गुलाम कश्मीर से हजारों परिवार जम्मू-कश्मीर चले आए थे। जम्मू-कश्मीर के छंब निआबत इलाके से भी काफी संख्या में परिवार विस्थापित हुए थे।
परंतु इस पैकेज में उन परिवारों को नजरंदाज कर दिया गया जो जम्मू-कश्मीर से बाहर बसे हुए हैं या फिर दूसरे राज्यों में रहकर फिर राज्य केन्द्रिय मंत्रि मंडल ने आज उन 5300 परिवारों को भी पुनर्वास पैकेज में शामिल कर राहत प्रदान की है।
एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुन्नी और पीओजेके डीपी फ्रंट के रछपाल सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर विस्थापित काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। उनकी मांग को पूरा कर केंद्र सरकार ने उन्हें राहत प्रदान की है। दोनों नेताओं ने केंद्र सरकार से गुलाम कश्मीर विस्थापितों की अन्य समस्याओं का जल्द निपटारा करने का आग्रह किया।