*छावनी परिषद के बोरिंगों से व्यर्थ बह रहा पानी* *थोड़ी सी बचत शहर के विकास कार्यो में हो सकती है इस्तेमाल*

 *छावनी परिषद के बोरिंगों से व्यर्थ बह रहा पानी*
*थोड़ी सी बचत शहर के विकास कार्यो में हो सकती है इस्तेमाल*


महू। *आखिर क्यों आता है महू छावनी परिषद द्वारा संचालित बोरिंग का बिजली बिल ज्यादा?*
महू छावनी परिषद में जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते शहर के कई बोरिंगों की मशीनें चल रही हैं लगातार 8 से 10 घण्टे तक।
मनमानी पर उतर आए संचालन करने वाले। हालत तो यह है कि शहर के वार्ड क्र 5 के तो एक बोरिंग का तो पानी तक बेचे जाने की जानकारी है। वार्ड 2 के मोती चौक स्थित बोरिंग को तो जैसे पंचायती बोरिंग बना लिया है। रात 12 बजे प्रतिदिन सैकड़ो लीटर पानी नाली में बहता देखा जा सकता है। अब देखने वाली बात यह है कि अगर रात में टँकी पूरी भरी जाती है तो फिर सुबह 6 बजे फिर मोटर क्यों चालू कर टँकी भरी जाती है। रात में टँकी कैसे और क्यों खाली हो जाती है। इसके अलावा वार्ड 3 के पत्ती बाजार के बोरिंग की भी यही हालत है। शहर भर में ऐसे कई बोरिंग की हालत यही है जहां पानी तो व्यर्थ जा ही रहा है साथ ही बिजली भी। इन सबका का भार छावनी परिषद पर आ रहा है। अगर जिम्मेदार थोड़ा इस ओर ध्यान दें और इस बचत को शहर हित मे इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा।