*मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर प्रदेश के नागरिकों से शांति की अपील की*
भोपाल : शनिवार, नवम्बर 9, 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज पुलिस मुख्यालय पहुँचकर एक उच्च स्तरीय बैठक में मध्यप्रदेश की कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। श्री नाथ ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरंतर सक्रिय और सजग रहकर काम करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या के मामले में सर्वसम्मति से दिए गए फैसले का सम्मान करें और प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। बैठक में सामान्य प्रशासन मंत्री एवं भोपाल जिले के प्रभारी डॉ. गोविंद सिंह और जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ आज अपने पूर्व निर्धारित मंडला दौरे को स्थगित कर दिल्ली से भोपाल लौटकर मंत्रालय पहुँचे। मुख्यमंत्री शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद पुलिस मुख्यालय स्थित राज्य स्थिति कक्ष (स्टेट सिचुएशन रूम) गए, जहाँ उन्होंने पूरे प्रदेश से आ रही कानून-व्यवस्था संबंधी सूचनाओं को देखा।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्थिति कक्ष में पुलिस और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में प्रदेश में अमन-चैन कायम रहे। उन्होंने कहा कि नागरिकों से निरंतर सम्पर्क की स्थिति रखें और उन्हें किसी भी तरह के अफवाहों से सावधान करें।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील कि वे प्रदेश के पारंपरिक भाईचारे-अमन चैन, शांति-सद्भाव और सौहार्द बनाये रखने में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक के साथ सरकार खड़ी हुई है। कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और शांति भंग करने का प्रयास करने वाले असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश हम सभी का है। हमारी गंगा-जमुनी तहजीब सुरक्षित रहे। विकास प्रभावित न हो, आम जन-जीवन सामान्य रहे, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। श्री नाथ ने कहा कि हम भाईचारे और मोहब्बत के पैगाम से वैमनस्य फैलाने वाले तत्वों को परास्त करें।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह, प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्त वार्ता श्री एम. डब्ल्यू. नकवी एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।