*प्रदेश से सौतेला व्यवहार करने पर दिग्विजय सिंह ने सभी सांसदों को लिखा पत्र।*

 


*प्रदेश से सौतेला व्यवहार करने पर दिग्विजय सिंह ने सभी सांसदों को लिखा पत्र।*


भोपाल। मध्यप्रदेश की सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह केन्द्र सरकार के खिलाफ शीघ्र दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मिलेंगे। इस संबंध में श्री सिंह ने प्रदेश के सभी 39 सांसदों को पत्र लिखकर जनहित में साथ आने का आव्हान किया है। प्रदेश से निर्वाचित लोकसभा के 29 और राज्यसभा के 10 सदस्यों को आज एक पत्र जारी किया है। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में केन्द्र सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा सहित विकास मूलक योजनाओं में किये जा रहे भेदभाव का उल्लेख किया है। प्रदेश की साढे़ सात करोड़ जनता जनार्दन के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। 


पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने जारी पत्र में कहा कि इस साल बाढ़ और अतिवृष्टि ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। विगत एक सदी की इस भयानक त्रासदी ने लाखों परिवारों को प्रभावित किया है। अनुसूचित जाति, जनजाति सहित कमजोर वर्ग के लोग बाढ़ आपदा से प्रभावित हुये। लाखों किसानों की फसले चैपट हो गई। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने बजट से फौरी तौर पर राहत पहुंचाने का सराहनीय काम किया है लेकिन केन्द्रीय अध्ययन दल के दौरे के बाद भी केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय राहत कोष से 6 हजार 621 करोड़ रूपयें और सड़कों सहित अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिये 2 हजार 258 करोड़ रूपयें अभी तक राज्य सरकार को नहीं दिये है। 


पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता के विश्वास और विवेक को राजनैतिक चश्में से देखने का काम नहीं किया जाना चाहिये। राज्य सरकार के लिये जनता ने कांग्रेस पार्टी को जनादेश दिया, वहीं केन्द्र सरकार बनाने के लिये प्रदेश से भाजपा के 28 सांसद लोकसभा भेजे। उन्होंने कहा कि वे केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे भेदभाव को उजागर करने के लिये और प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के राहत, पुर्नवास के लिए राशि दिये जाने की मांग करेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सभी सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दिल्ली में साथ चलकर प्रदेश हित में केन्द्र सरकार से मांग करने तथा मांग पूरी नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है। श्री सिंह ने कहा कि सांसदों द्वारा प्रदेश के हित की बात न करना जनता के साथ विश्वासघात होगा।


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्र में प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक किसानों के लिये यूरिया सहित पेयजल योजनाओं की राशि नहीं दिये जाने का उल्लेख किया है। केन्द्र सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि में भी केन्द्रीय अंश का हिस्सा 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत करने को प्रदेश की जनता के हितो के विरूद्ध बताया है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ के समर्थन मूल्य में खरीदी के डेढ़ हजार करोड़ रूपयें नहीं दिये गये हंै। प्रदेश के सांसदों को भेजे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस वर्ष 2018-19 में केन्द्रीय करों में 6547 करोड़ रूपयें कम करने को जनता के हितों के साथ कुठाराघात और दमनकारी बताया है।