*तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह पर गिर चुकी है गाज, फिर भी नहीं सुधर रहे उज्जैन हालात* 

   *तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह पर गिर चुकी है गाज, फिर भी नहीं सुधर रहे उज्जैन हालात*


उज्जैन की शिप्रा नदी में मिल रहे कान्ह नदी के गंदे पानी को लेकर मुख्यमंत्री ने जतायी कड़ी नाराजगी, कहा कि तत्काल इसे रोकने को लेकर कड़े कदम उठाए जाये।
उन्होंने कहा कि इस मामले में वे किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को अमावस्या पर स्नान के लिए साफ़-स्वच्छ जल मिले, उसको लेकर प्राथमिकता से  व्यापक प्रबंध किये जावे। 
पूर्व में क्या होता आया है, उससे उन्हें कोई सरोकार नहीं और ना ही वह बड़े-बड़े दावे में विश्वास करते हैं।
वे तो बस इतना चाहते हैं उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के लिए साफ-स्वच्छ जल मिले, उन्हें स्नान में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उनकी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ ना हो। इस को लेकर व्यापक प्रबंध किए जावे।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालुओं को स्नान में
आयी परेशानी की शिकायत पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़े कदम उठाए गए थे। तत्काल एक्शन लेते हुए कमिश्नर एमबी ओझा और कलेक्टर मनीष सिंह को हटा दिया था। इतना होने के बावजूद वर्तमान कमिश्नर अजित कुमार और कलेक्टर शशांक मिश्र महाकाल मंदिर और घाट के मामले में गंभीरता नहीं बरत रहे है। ग़ौरतलब है की इसके पहले भी सावन महीने में महाकाल की निकलने वाली सोमवार की सवारी में रामघाट पर जमा कीचड़ के कारण हज़ारों श्रद्धालु परेशान हुए थे।