*दिल्ली से फर्जी सिमकार्ड के माध्यम से कॉल के माध्यम से धमकाकर मप्र के सरकारी अफसरों से वसूली करने वाले तीन आरोपियों को इंदौर सायबर सेल ने धरदबोचा है।*

इंदौर। दिल्ली से फर्जी सिमकार्ड के माध्यम से कॉल के माध्यम से धमकाकर मप्र के सरकारी अफसरों से वसूली करने वाले तीन आरोपियों को इंदौर सायबर सेल ने धरदबोचा है।


    ये फर्जी सिम का उपयोग कर व फर्जी पहचान बताकर मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियो को, उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अथवा भ्रष्टाचार की शिकायत जांच में सेटलमेंट के नाम पर धमकाने व रुपयों की मांग करने का काम कर रहे थे।


    साइबर सेल इंदौर एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि इनके नाम कमलेश शर्मा उर्फ पिंटू पिता चतुर्भूजीनाथ शर्मा उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम पिकौराभट्ट थाना परशुरामपुर जनपद बस्ती उप्र. हामु. फ्लैट नं. 1804, टॉवर नम्बर 17, निराला स्टेट ग्रेटर नोएडा उप्र, नीरज कुमार उर्फ आशीष वर्मा पिता स्व. जगराम वर्मा उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम समौधीपुर थाना उत्तराव जनपद इलाहबाद उप्र. हाल मुकाम ई 40 टैगोर रोड, मिन्टो रोड थाना कमला मार्केट नई दिल्ली और धीरज पिता रामपुकार साहनी(सैनी) उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम महुअल थाना मोतीपुर जिला मुज्जफरपुर बिहार हाल मुकाम ई 40 टैगोर रोड, मिन्टो रोड थाना कमला मार्केट नई दिल्ली है।


इनमे आरोपी नारज कुमार उर्फ आशीष वर्मा कक्षा बारहवी तक, आरोपी धीरज साहनी(सैनी) कक्षा आठवी तक और आरोपी कमलेश शर्मा कक्षा दसवी तक पढ़ा लिखा है। आरोपी कमलेश शर्मा इसी प्रकार के अपराधो में हरियाणा व उत्तरप्रदेश के विभिन्न थानो पर पूर्व में भी गिरफ्तार हो चुका है।


पीएससी उप संचालक ने की शिकायत
एसपी सिंह ने बताया कि प्रकरण में फरियादी म. प्र. लोक सेवा आयोग में उपसंचालक (वित्त) समरसिंह परमार पिता रणजीतसिंह निवासी 135 जानकी नगर एक्सटेंशन इंदौर द्वारा शिकायत की गई।


    शिकायत में मोबाईल नम्बर 9654307762 से सेक्शन ऑफिसर मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल अफेयर्स नई दिल्ली के नाम से फोन आने व अपने विरुद्ध की गई शिकायत को फाईल करवाने हेतु 2.10 लाख रुपये की मांग करने व मांग पूर्ति न करने पर आवेदक के मोबाईल नम्बर पर अश्लील मैसेज करने की बात कही गई।


सायबर टीम ने तीन आरोपियो नीरज कुमार उर्फ आशीष, धीरज व कमलेश शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया और इंदौर लाई। एसपी सिंह ने बताया कि आरोपियों ने पुछताछ पर बताया कि नीरज कुमार आईडिया व वोडाफोन सिम बेचने के लिये POS एजेन्ट का काम करता है।


नीरज द्वारा आईडिया वोडाफोन की सिमे दूसरो के नाम- पतो व फोटो अथवा नाम पता किसी और का व फोटो किसी और का, से तैयार कर व एक्टीवेट कर धीरज के माध्यम से कमलेश शर्मा तक पहुचाता था और फिर कमलेश शर्मा विभिन्न राज्यो के शासकीय अधिकारियों को केन्द्रीय सचिवालय दिल्ली, राज्य की विधानसभा कार्यालय, राज्य के मंत्री के कार्यालय, सेक्शन ऑफिसर मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल अफेयर्स आदि के नाम से फोन लगाकर कहता था कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अथवा भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है यदि शिकायत को फाईल करवाना चाहते हो तो, सेटलमेंट करने हेतु रुपयो की मांग करता था।


इस तरह तीनो आरोपी मिलकर गलत नाम पतो फोटो की सिमो को तैयार कर उन सिमो का प्रयोग शासकीय अधिकारियो को धमकाने व उनसे रुपयें ऐंठने के लिये करते है।


आरोपियो से अपराध में प्रयुक्त मोबाईल व सिम जब्त की गई है। साथ ही आरोपी कमलेश शर्मा से विभिन्न राज्यो की शासकीय डायरियाँ जिनमें विभिन्न शासकीय कार्यालय व अधिकारियों के नाम पते मोबाईल नम्बर की जानकारी लिखी होती है को जब्त किया गया है।


    वर्तमान में आरोपियो से उक्त नकली सिम तैयार करने के कारोबार व किन किन अधिकारियो को उनके द्वारा ठगा गया है के संबंध में पुछताछ की जा रही है।


   उक्त अनुसंधान मे निरीक्षक. राशिद अहमद, उनि. रीना चौहान, उनि. आमोद सिंह राठौर. उनि. पूजा मुवेल, उनि. विनोद सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक मनोज राठौर, आरक्षक विजय बड़ोदकर, आरक्षक विवेक मिश्रा, आरक्षक गजेन्द्र राठौर, आरक्षक राहुल सिंह गौर, आरक्षक विशाल महाजन, आरक्षक आशीष , महिला आरक्षक दीपिका, महिला आरक्षक विनीता की भूमिका रही।