*शिवराज सरकार ने पोती थी प्रदेश के माथे पर कालिख, अब बहा रहे घड़ियाली आंसू।*

*शिवराज सरकार ने पोती थी प्रदेश के माथे पर कालिख, अब बहा रहे घड़ियाली आंसू।*


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक बीजेपी सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल में मध्यप्रदेश महिलाओं की छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, बलात्कार, किसानों की आत्महत्या और कुपोषण के मामलों में एक नंबर पर रहा और कई वर्षों तक यही प्रदेश की पहचान बनी रही। तब यही शिवराज सिंह घोषणावीर बने पूरे प्रदेश में घूमते थे। पूरे समय स्वर्णिम मध्यप्रदेश की डींगें हांकते थे। 


शिवराज जी बताएं, 15 वर्षों का आपका कथित विकास चंद महीनों में धराशायी कैसे हो गया?  इसका यही मतलब हुआ न कि आपके शासनकाल में योजनाओं की राशि की बंदरबाट भ्रष्टाचार कर जेबें भरने के लिए अपने चहेतों को की गई। बताइये क्या कारण है आपकी बनाई हुई अमेरिका जैसी सड़कें क्यों उखड़ गईं? 


शिवराज सिंह चौहान जो आज महिलाओं की सुरक्षा और किसानों को लेकर तमाम नौटंकी कर रहे हैं उन्ही के शासन काल में 40 हज़ार से अधिक महिलाएं और बच्चियां बलात्कार की शिकार हुईं।  "यस्य नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" जैसे श्लोक सुना कर लोगों को भावनाओं में बहाने का काम किया गया। लेकिन उन्होंने बेटियों की सुरक्षा के लिए कोई कारगर कदम नही उठाए। बलात्कार की घटनाओं की वजह से प्रदेश के माथे पर कालिख पुती तब उन्हें होश नही था। होश तब आया जब उनकी झूठी व कभी न पूरी होने वाली घोषणाओं और लंबे-लंबे बेमतलब के भाषणों से ऊबकर जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। 


आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के साथ बलात्कारियों को फांसी देने के लिए आंदोलन किया। प्रश्न ये है कि वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया बता दें कि उन्होंने बेटियों की सुरक्षा के लिए बजट में क्या प्रावधान किया था? शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में कितने बलात्कारियों को गोलियां मार दी या फांसी दिलवा दी? बात ये है कि गुनाहगार को फांसी कौन देगा पुलिस या न्यायालय? हैदराबाद की घटना को नज़ीर बनाने की भूल नही की जा सकती। जो पुलिस ने वहां किया वह न्याय व्यवस्था को चुनौती देने का काम है। क्या इसी तरह से पुलिस एनकाउंटर करके मामले निपटायेगी। क्या पब्लिक ओपिनियन से कानून काम करेगा? मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर रह चुके शिवराज सिंह चौहान न्याय व्यवस्था को खत्म करने की बात कर रहे हैं जो कि अत्यंत निराशाजनक है। उनके ऐसे कृत्य सत्ता छिन जाने के सदमे के अलावा कुछ भी नही है। उनकी छटपटाहट बता रही है कि बीजेपी नेताओं के लिए सत्ता कितनी ज़रूरी है।


कल ही शिवराज सिंह चौहान अपनी विधानसभा बुधनी में जन पंचायत कर रहे थे और अधिकारियों को जनता के सामने खड़ा करके योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में पूछ रहे थे, मेरा सीधा प्रश्न शिवराज सिंह से है उन्होंने अपने कार्यकाल में कब ऐसे आयोजन करे जिसमें अधिकारियों से जनता का सीधा संवाद किया गया हो या कब उन्होंने बलात्कार पीड़ित महिलाओं और बच्चियों के लिए इस तरह से रोज-रोज बयान दिए जैसे  आजकल वे एक कैमरामैन साथ रखकर रोज़ एक वीडियो जारी कर फुल नौटंकी करते हैं। नौटंकी और ड्रामे बाज़ी ही बीजेपी का असल चेहरा है चाहे वे केंद्र और राज्यों में सत्ता में हों या विपक्ष में। सिर्फ नाटक-नौटंकी करना और घड़ियाली आंसू बहाने में शिवराज सिंह जैसे नेताओं को महारत हासिल है। शिवराज सिंह की इन नौटंकियों को जनता तो समझ ही रही है बीजेपी नेता भी अब उनकी बातों को तबज्जो नही दे रहे हैं। शिवराज के नेतृत्व वाले आज के आंदोलन में मुट्ठी भर लोग बताते हैं कि बीजेपी की ज़मीन पूरी तरह से खिसक चुकी है और उनके नेताओं के दिन लद चुके हैं।


प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार पर न सिर्फ भरोसा कर रही है बल्कि जनहित के लिए बनाई गई योजनाओं से लाभ पाकर खुश भी है। अब वे शिवराज सिंह के कथित स्वर्णिम विकास व कमलनाथ सरकार के वास्तविक विकास के अंतर को नजदीक से देख रही है और भली भांति समझ चुकी है कि देश और प्रदेश की भलाई में कांग्रेस के योगदान को ठुकराया नही जा सकता। जन-जन में विश्वास पैदा हो गया है कि कांग्रेस का नेतृत्व ही इस देश को तरक्की की राह पर ले जा सकता है।


योगेन्द्र सिंह परिहार