*आयुक्त जनसंपर्क के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं जनसंपर्क अधिकारी रावत*

*आयुक्त जनसंपर्क के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं जनसंपर्क अधिकारी रावत*


*कलेक्टर अलीराजपुर ने रावत की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर अनिवार्य सेवानिवृत्त की अनुशंसा का पत्र आयुक्त जनसंपर्क भोपाल को भेजा था*


धार। जनसंपर्क अधिकारी बिशन सिंह रावत जनसंपर्क आयुक्त पी नरहरि के आदेश का पालन न करते हुए अपनी हठधर्मिता दर्शाते हुए बगैर आदेश के जनसंपर्क कार्यालय में कार्य कर रहे हैं। आयुक्त जनसंपर्क भोपाल ने रावत के अभ्यावेदन पर विचार करने के उपरांत अमान्य करते हुए स्थानांतरित स्थान आगर मालवा जाने के आदेश दिनाँक 4-12-19 जारी किए हैं। किंतु रावत जनसंपर्क आयुक्त भोपाल के आदेश का उल्लंघन कर रहे है और अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए जनसंपर्क कार्यालय धार में ही कार्य कर रहे है। क्या वरिष्ठ अधिकारी ऐसे हठधर्मी, लापरवाह अधिकारी के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करेंगे??
            कलेक्टर अलीराजपुर ने जनसंपर्क अधिकारी रावत की कार्य शैली, रावत के द्वारा विभागीय कार्यो में रुचि न लेना, गैर मर्यादित भाषा में प्रेस नोट जारी करना, कार्यालय में समय पर न पहुँचना, जनसंपर्क मुख्यालय से प्राप्त प्रचार प्रसार की सामग्री का वितरण न करना, अपने दायित्व के प्रति उदासीनता बरतने के कारण अनिवार्य सेवानिवृत्त की अनुशंसा का पत्र आयुक्त जनसंपर्क मुख्यालय भोपाल को भेजा था। इसी शिकायत के आधार पर जनसंपर्क अधिकारी बी एस रावत का स्थानांतरण अलीराजपुर से धार किया गया था। किंतु रावत ने अपने कार्य एवं व्यवहार में सुधार नहीं किया औऱ धार में भी वही रवैया अपनाया। रावत अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। पत्रकार व प्रशासन के बीच की कड़ी जनसंपर्क अधिकारी होता है किंतु रावत की कार्य प्रणाली के कारण पत्रकारों में भारी नाराजगी है। निर्धारित समय पर शासकीय कार्यक्रम की सूचना नहीं देना एवं निर्धारित समय पर शासकीय समाचार व बहुत ही कम समाचारो को भेजना। जनसंपर्क कार्यालय की सूची से बग़ैर किसी कारण के पत्रकारों के नाम काट देना एवं पुनः बगैर साक्ष्य लिये जोड़ देना। पत्रकारों के नाम की सूची को गोपनीय रखना, मांगने पर नहीं देना। जनसंपर्क अधिकारी रावत के अड़ियल रवैये के कारण पत्रकारों में खासी नाराजगी हैं। जनसंपर्क कार्यालय के कर्मचारी भी रावत की भाषा शैली व डांट डपट के कारण अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे हैं।
      ऐसी शिकायतों के कारण जनसंपर्क अधिकारी रावत का स्थानांतरण पुनः धार से आगर मालवा जनसंपर्क भोपाल द्वारा दिनाँक 19-11-19 को कर दिया गया था। उक्त आदेश के पालन में कलेक्टर धार ने दिनाँक 29-11-19 को कार्यमुक्त भी कर दिया था। कार्यमुक्त होने के बाद दिनाँक 30-11-19 को माननीय न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त करने में सफल हुए। आश्चर्य का विषय है कि कार्यमुक्त होने के बाद स्थगन आदेश रावत ने येनकेन जानकारी देकर प्राप्त किया होगा!!
        विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माननीय न्यायालय का स्थगन आदेश चार सप्ताह का बताया जा रहा है किंतु अब तो चार सप्ताह भी बीत चुके हैं। फिर भी बगैर आदेश के कार्य कर रहे हैं। क्या जिला कलेक्टर ऐसे लापरवाह व हठधर्मी अधिकारी के विरुद्ध कोई ठोस कदम उठाएंगे।


 *जनसंपर्क कार्यालय के कर्मचारियों का वेतन आहरण होने में आयेगी परेशानी*


जनसंपर्क अधिकारी बी एस रावत को जिला कलेक्टर ने कार्यमुक्त कर दिया था। कार्यमुक्त होने के बाद माननीय न्यायालय का स्थगन आदेश लेकर आने के बाद रावत ने पुनः अपने कर्तव्य पर उपस्थित होने संबंधी आवेदन जिला कार्यालय में आज तक नहीं दिया है। ऐसी स्थिति में जनसंपर्क अधिकारी क्या वेतन के बिलों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार रखते है? और अगर ऐसा करते है तो यह आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में होगा।


*इस संबंध में जिला कलेक्टर के मोबाईल पर फोन लगाया गया तो घंटी जाने के बाद सम्पर्क नहीं हो पाया*