*बलात्कार की पुलिस द्वारा बनायीं झूठी कहानी से 3 महीने तक जेल में बंद मुलजिम अभिलेष जैन धारा 376 के आरोप से दोषमुक्त,,*
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*इंदौर । एमबीए युवती से बलात्कार का मुलज़िम विशेष न्यायालय द्वारा तीन महीने जेल में रहने के बाद बलात्कार की विभिन्न धाराओं 376 व अन्य में बंद मुलजिम अभिलेष जैन को इंदौर की विशेष न्यायाधीश माननीय मनीषा बसेर द्वारा पूरी सुनवाई के बाद दोषमुक्त कर बरी करने के आदेश दिए ।*
*घटना अनुसार सावेर पुलिस ने MBA पास युवती की रिपोर्ट पर मुलज़िम अभिलेष विजय कुमार जैन (34) निवासी अंजनोद सावेर के ख़िलाफ़ धारा 376(2)एन , 506,294 के तहत सितंबर 2019 में पीथमपुर में एक ही कम्पनी में काम कर रहे थे, युवती उस वक्त कम्पनी में एचआर के पद पर कार्यरत थी इसी दौरान युवती का मुलजिम से मनमुटाव विवाद विवाद हुआ था उसके बाद फिर युवती ने कुछ समय बाद नोकरी छोड़ दी थी,, गत सितंबर 2019 में युवती द्वारा सांवेर थाने में अभिलेष जैन के खिलाफ मनमुटाव व वाद विवाद की रिपोर्ट लिखाई थी,,सावेर पुलिस ने युवती से कुछ कोरे कागजो पर हस्ताक्षर करवाकर मुलजिम अभिलेष जैन के खिलाफ बलात्कार की धारा 376(2)इन,506,294 में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था,,ओर न्यायालय में 164 के बयान की कापी भी थी साथ ही एक वीडियो पेश की जो न्यायालय में झूठी साबित हुई,,गिरफ्तारी के बाद से ही मुलजिम जेल में बंद रहा जहाँ उसकी तबियत बिगड़ती गई और उसका हीमोग्लोबिन घटकर 5 रह गया ।*
*मुलजिम अभिलेष की जमानत याचिका ज़िला और हाई कोर्ट से ज़मानत निरस्त हो गई । मुलजिम तीन महीने से अधिक समय से जेल में था ।*
*फिलहाल मुलजिम का प्रकरण विशेष अदालत की माननीय न्यायाधीश एडीजे महोदया मनीषा बसेर के यहाँ चल रहा था । जहाँ मुलज़िम की तरफ़ से उच्च न्यायालय के अभिभाषक संजय जैन और सूरज उपाध्याय पैरवी कर रहे थे । अभिभाषक द्वय द्वारा न्यायालय में रखे गए तर्कसंगत पक्ष के बाद माननीय न्यायालय ने पूर्ण सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा बलात्कार की कहानी झूठी साबित हुई । पीड़िता ने बयान के दौरान घटना से इंकार किया और वीडियो बनाने से भी मना । अभियोजन अपराध साबित नहीं कर पाया ।*
*ततपश्चात माननीय न्यायाधीश ने मुलजिम के अभिभाषकों संजय जैन व सूरज उपाध्याय के तर्क से सहमत होकर मुलज़िम को आज 24 जनवरी 2020 को पुलिस द्वारा लगाए आरोपो से दोषमुक्त कर बरी कर दिया ।*