इंदौर में महिंद्रा बाहा एसएईइंडिया 2020 का 13वां संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ
• इसके 13वें संस्करण का पहला भाग संपन्न हुआ
• श्री विष्णु इंजीनियरिंग कॉलेज फॉर वुमेन, आंध्र-प्रदेश की ई-ज़िबा रेसर्स टीम को ई-बाहा का खिताब मिला, और डी वाई पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अकुर्डी, पुणे की टीम प्रिडेटर्स ने एम-बाहा टाइटल को अपने नाम किया
• एक्रोपॉलिस इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च,इंदौर, की एक्रॉस्ट्रीक टीम,ई-बाहा में दूसरे स्थान पर रही और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, औरंगाबाद, महाराष्ट्र से टीम आर्यन्स का भी दूसरा स्थान रहा, और सिल्वर ओक कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद, गुजरात की स्पार्कऐक्स रेसिंग टीम एम-बाहा में तीसरे स्थान पर रही
26 जनवरी 2020, इंदौर: बहुप्रतीक्षित महिंद्रा बाहा एसएईइंडिया 2020 का 13वां संस्करण आखिरकार आज पीथमपुर में कई रोमांचक क्षणों के साथ समाप्त हुआ। इस संस्करण के स्थायित्वदौर में एम-बाहा टीम की 120 टीमों में से 76 टीम और ई-बाहाटीमकी53 टीमों में से 10 ने भाग लिया।
श्री विष्णु इंजीनियरिंग कॉलेज फॉर वुमेन, आंध्र-प्रदेश की ई-जिबा रेसर्स टीम को ‘सर्वश्रेष्ठ ई-बाहाटीम’ घोषित किया गया और डीवाई पाटिल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, आकुर्डी, पुणे को ‘सर्वश्रेष्ठ एम-बाहा टीम’ का सम्मान मिला। इस स्थायित्वकार्यक्रम की शुरुआत महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, पवन गोयनका, संचालन समिति - बाहा एसएईइंडिया, डॉ. बाला भारद्वाज, अध्यक्ष, एसएईइंडिया, विशिष्ट अतिथि सुश्री गुल पनाग, श्री शुभांकर सेन, मुख्य महाप्रबंधक, बीपीसीएल और मेज़बान संस्था एक्रोपॉलिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च, इंदौर से अतुल भारत द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गयी थी।
यह ई-बाहा का छठा संस्करण था जिसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की शुरुआत का लाभ उठाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इस संस्करण में मध्य प्रदेश के 4 कॉलेजों की भागीदारी देखी गई।
बाहा एसएईइंडिया श्रृंखला के 13वें वर्ष में कुल 282 टीमों ने पंजीकरण किया था, जिसमें से 253 (120 एम-बाहा और 53 ई-बाहा ने पीथमपुर और 80 ने चितकारा विश्वविद्यालय के लिए) टीमों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। कुल 86 टीमों (एम-बाहा के लिए 76 और ई-बाहा के लिए 10 टीमों) ने स्थायित्व चरण में जगह बनाई। यह वर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से 5000 से अधिक छात्रों और संकायों के साथ उल्लेखनीय था, जिन्होंने बाहा एसएईइंडिया 2020 थीम ‘ब्रेकिंग कन्वेंशन’ का जश्न मनाया।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ पवन गोयनका ने कहा, “बाहा एसएईइंडिया जैसी प्रतियोगिताएं छात्रों को वास्तविक दुनिया के बहुत ज़रूरी अनुभव को प्राप्त करने में मदद करती है, जोकि भविष्य के इंजीनियरों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। बाहा एसएईइंडिया, युवा नवोदित इंजीनियरों के लिए शैक्षिक कार्यकाल के दौरान अर्जित अपनी इंजीनियरिंग, तकनीकी कौशल को खोजने और प्रदर्शित करने के लिए एक बेहतरीन मंच साबित हुआ है, जो आगे आने वाले समय में उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे यकीन है कि इस मंच के माध्यम से प्राप्त अनुभव सभी छात्रों के लिए उनके भविष्य के प्रयासों में बेहद मूल्यवान होगा।
बाहा एसएईइंडिया 2020 के संयोजक श्री एस बलराज ने कहा, “बाहा एसएईइंडिया एक अनूठा कार्यक्रम है क्योंकि यह महत्त्वाकांक्षी इंजीनियरों को न केवल अपने डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमता को प्रकट करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि छात्रों को औपचारिक सीखने की प्रणाली से बाहर निकलने और बुनियादी बातों एवं अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप से लागू करने का एक विस्तारित अवसर भी देता है। मैं उन सभी विजेताओं को बधाई देता हूं जिन्होंने अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।स्थैतिककार्यक्रमों के लिए टीमों को कई अन्य पुरस्कार प्रदान किए गए। गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से टीम नेमेसिस रेसिंग और मॉडर्न एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से टीम गायरफैल्कन्स ने क्रमशः एम-बाहा और ई-बाहा के लिए इंजीनियरिंग डिज़ाइन अवार्ड प्राप्त किया। श्री विष्णु इंजीनियरिंग कॉलेज फॉर वुमन (स्वायत्त ) की टीम ज़ीबा रैसर्स ने गो ग्रीन- इमीशन अवार्ड जीता। बाहा एसएईइंडिया 2020 पीथमपुर के लिए 22.8 लाख रुपये की कुल पुरस्कार राशि के अतिरिक्त, छात्र इस तरह के एक प्रतियोगी कार्यक्रम में भाग लेने के उत्साह और उपलब्धि की भावना के साथ वापस गए।
चार दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत बुनियादी स्थैतिक मूल्यांकन चरण से हुई जिसमें डिजाइन मूल्यांकन, लागत मूल्यांकन और विपणन प्रस्तुति शामिल थी। अंतिम चरण में, टीमों ने मजबूत सिंगल शीट के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया, ऑफ-रोड मनोरंजनात्मकचार-पहिया वाहन के अपने प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया और उसका विभिन्न मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया, जिसमें इंजीनियरिंग डिजाइन, सीएई, लागत और प्रौद्योगिकी नवाचार शामिल थे।
प्रतियोगिता का उद्देश्य वास्तविक संसार की इंजीनियरिंग डिजाइन परियोजनाओं और उनसे संबंधित चुनौतियों का अनुकरण करना था। प्रत्येक टीम का लक्ष्य पेशेवररचनाकारों की किसी भी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना प्रोटोटाइप को सुरक्षित, परिवहन में आसान, रख-रखाव में आसान, और चलाने में आसान बनाना था।
हालांकि, टीमें एकमात्र प्रतिबंध 60 किमी प्रति घंटे की गति सीमा के साथ अपने स्वयं के ट्रांसमिशन को डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र थीं। गतिशील मूल्यांकन दौर में त्वरण, गतिशीलता, रॉक क्रॉल और सस्पेंशन एंड ट्रैक्शन के लिए वाहनों का परीक्षण किया। सहनशीलता मूल्यांकन दौर में देखा कि वाहन दो घंटे के ई-बाहा परीक्षण और एम-बाहा के लिए चार घंटों के कठिन परीक्षणों से गुजरे। स्थायित्वकार्यक्रम में प्रत्येक वाहन की क्षमता को लगातार संचालित करने के लिए और आने वाली विभिन्न बाधाओं के सभी स्तरों पर गति का मूल्यांकन किया।
27 और 28 जनवरी 2020 को, बाहा एप्टीट्यूड टेस्ट (बीएटी) के शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों को मोटर वाहन क्षेत्र में प्रसिद्ध संगठनों के साथ रोजगार के लिए साक्षात्कार का अवसर मिलेगा। चयनित इंजीनियरों को कंपनियों से तुरंत ही प्रस्ताव पत्र मिलेंगे।
बाहा एसएईइंडिया 2020 के 13वें संस्करण का दूसरा भाग चंडीगढ़ के पास चितकारा विश्वविद्यालय में 6 मार्च से 9 मार्च, 2020 के लिए निर्धारित किया गया है।