*इंदौर प्रेस क्लब की साधारण सभा द्वारा अनुमोदित विधान संशोधन प्रस्ताव को सहायक पंजीयक, फम्र्स एंड सोसायटी इंदौर ने स्वीकृत कर दिया है


 
*इंदौर प्रेस क्लब की साधारण सभा द्वारा अनुमोदित विधान संशोधन प्रस्ताव को सहायक पंजीयक, फम्र्स एंड सोसायटी इंदौर ने स्वीकृत कर दिया है। प्रेस क्लब के विधान में हुए इस संशोधन के बाद उन लोगों के मंसूबों पर पानी फिर गया है, जिन्होंने इस बात के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था कि किसी भी हालत में विधान संशोधन प्रस्ताव को स्वीकृति न मिले।  ये लोग जिनकी अगुवाई इंदौर प्रेस क्लब से निष्कासित, एक आपराधिक मामले में दंडित और डेढ़ महीने जेल रहा प्रवीण खारीवाल कर रहा है। अब इस स्वीकृत प्रस्ताव को लेकर नई शगूफेबाजी में जुट गए हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने इंदौर प्रेस क्लब की प्रतिष्ठा को धूमिल करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। खारीवाल सहित इन लोगों की आत्मा अभी भी प्रेस क्लब के इर्द-गिर्द ही भटक रही है।*
 *हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि साधारण सभा द्वारा दो-तिहाई बहुमत से अनुमोदित विधान संशोधन प्रस्ताव के 9 जनवरी 2020 से अस्तित्व में आने के बाद उन लोगों की स्थिति कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रही है, जो इंदौर प्रेस क्लब में अपनी वापसी के सपने देखने लगे थे। हम जल्दी ही एक श्वेत-पत्र भी आपके सामने ला रहे हैं, जिसमें इस बात का खुलासा किया जाएगा कि अध्यक्ष रहते हुए प्रवीण खारीवाल ने किस तरह प्रेस क्लब की साख को खराब किया, प्रेस क्लब के लाखों रुपए खा गए, प्रेस क्लब की संपत्ति को लीज पर देने में भारी हेराफेरी की, 500 से ज्यादा फर्जी सदस्यता कार्ड जारी किए और कार्यक्रमों के नाम पर प्रेस क्लब को कर्ज के बोझ में दबा दिया। यह सारी चीजें रिकार्ड पर हैं और प्रेस क्लब की कार्यकारिणी ने इन मामलों में पुलिस को उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए दो बार आवेदन भी दिया है।*  
 *हमने सदस्यों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जो संशोधन विधान में किए हैं, उसके बाद इंदौर प्रेस क्लब में गैर पत्रकारों के लिए अब कोई स्थान नहीं रहेगा। विधान में हुए कुछ प्रमुख संशोधन निम्नानुसार है*
 
(1) उन्हीं सदस्यों की प्रेस क्लब के चुनाव में सहभागिता रहेगी, जो पूर्णकालिक पत्रकार हैं और जिनकी मूल आजीविका का साधन पत्रकारिता ही है। 
(2) जो सदस्य पत्रकारिता के अलावा पूर्णकालिक रूप से कहीं या कोई व्यवसाय कर रहे हैं, राजनीतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े हैं या अल्पकालीन पत्रकारिता कर रहे हैं, वे अब सम्मानित सदस्य की श्रेणी में आएंगे। यह व्यवस्था वर्तमान (दिनांक 9 जनवरी 2020 तक) में जो सदस्यता सूची अस्तित्व में है, उस पर भी लागू होगी। ऐसे सदस्यों को किसी भी पद पर चुनाव लडऩे, मतदान करने तथा प्रेस क्लब की अन्य नियमित गतिविधियों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रहेगा। 
(3) प्रेस क्लब की सदस्यता के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक रहेगी। 
(4) सदस्यता के लिए गठित की जाने वाली छानबीन समिति भी नए स्वरूप में होगी। 
(5) वे ही सदस्य चुनाव लड़ पाएंगे जो नामांकन दाखिल करने के दिन प्रेस क्लब का नो ड्यूज प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। 
(6) मतदान करने वाले प्रत्येक सदस्य को हर श्रेणी में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को मत देने का अधिकार होगा। कार्यकारिणी के जितने पदों के लिए सदस्य मतदान करेगा, उतने ही मत मान्य होंगे, अर्थात यदि कार्यकारिणी के 6 में से एक पद के लिए मतदान करता है तो केवल एक ही मत मान्य होगा। इसी तरह उपाध्यक्ष के दो में से यदि एक पद के लिए मतदान करता है तो एक ही मत मान्य होगा। 
(7) सदस्य प्रबंधकारिणी के जिसमें पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य शामिल हैं किसी एक पद पर दो बार लगातार निर्वाचित हो सकेगा। ऐसी स्थिति में उसे तीसरी बार चुनाव लडऩे की पात्रता नहीं रहेगी। 
(8) आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद यदि सदस्य 48 घंटे जेल में रहता है तो उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाएगी, जिस दिन वह निर्दोष साबित होगा, उसी दिन से वह पुन: सदस्य हो जाएगा। यह व्यवस्था पत्रकारिता से जुड़े प्रकरणों में लागू नहीं होगी। 
(9) यदि कोई सदस्य प्रेस क्लब के समानांतर गठित संस्था में पदाधिकारी या सदस्य बनता है तो उसकी सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। 
 मित्रों, आपको हम यह स्मरण दिलाना चाहेंगे कि 200 से ज्यादा ऐसे सदस्य जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं था, जिनमें से कोई बिल्डर, कोई दुकानदार, कोई प्रॉपर्टी ब्रोकर, कोई कुत्ते-बिल्ली बेचने वाला, कोई फाइनेंस कंपनी संचालित करने वाला, कोई काले-पीले धंधे करने वाला था, को हम पहले ही प्रेस क्लब से बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं। 125 से ज्यादा वास्तविक पत्रकारों को हमने प्रेस क्लब का सदस्य बनाया है। 
 साथियों, कहने को बहुत कुछ है, लेकिन हम अपनी लाईन को बड़ा करने के सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं। 20 जनवरी को सुबह 11.30 बजे प्रेस क्लब की साधारण सभा में जब हम आपसे रूबरू होंगे तो, हमें उम्मीद है कि आपके मन में भी इस बात को लेकर संतोष का भाव होगा कि जिन्हें हमने काम करने का मौका दिया था, वे हमारे पैमाने पर खरे उतरे हैं।