किसान हित मे प्रदेश सरकार रबी फसल उपार्जन व कृषि मंडी, शब्जी मंडी व माल ढुलाई वाहन प्रारम्भ करे*


*किसान हित मे प्रदेश सरकार रबी फसल उपार्जन व कृषि मंडी, शब्जी मंडी व माल ढुलाई वाहन प्रारम्भ करे*


 कोरोना कोविद-19 के कारण हमारे प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन करने का आदेश दिया जिसे हम सब देशवासियों ने स्वीकार किया, उसका लगभग आधा समय गुजर भी चुका है।


 आज देश में उद्योग,व्यापार, बाजार, मंडी व आवागमन के साधन पूर्णतः बंद है, परंतु देश में कुछ लोगों को छोड़कर कोई भी भूखा नहीं सो रहा है, सरकार भी कहती है अभी 2 साल का खाद्यान्न भंडारण हमारे पास है। यह किसानों की ही जीवटता ही है कि देश में खाद्यान्न के भंडार भरे हुए हैं और आज भी उनकी कर्मठता अनवरत जारी है।


 हम सभी स्वास्थ्य सेवाओं में लगे भाई-बहनों, प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी,  पुलिस प्रशासन एवं मीडिया के बंधुओं की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं, जो वाजिब भी है परंतु शाबाशी देने या प्रशन्सा किसान की करने  लिए कोई भी तैयार नहीं है, ऐसी कंजूसी क्यो, ऐसी बेईमानी क्यों ?
जबकि इस देश का किसान हाड़ तोड़ मेहनत करता है गर्मी सर्दी बरसात के साथ प्रकृति व सरकारो की अकर्मण्यता को सदा झेलता है, जैसे सरकार का आदेश आगामी आदेश तक गेहूं चना मसूर सरसों इत्यादि फसलों के उपार्जन पर रोक, क्या सरकार को पता नहीं है कि किसानों के पास भंडारण की क्षमता नहीं है साथ ही उनके घर परिवार एवं उनके आश्रित मजदूरों की आवश्यकता की पूर्ति भी उन्हें ही करना है। मंडियां बंद है, आवागमन के साधन बंद है।


 निमाड़ के किसान बड़ी मात्रा में केला, पपीता, तरबूज, खरबूज की खेती करते हैं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किसान बड़ी संख्या में सब्जी का उत्पादन करते हैं। मालवा के किसान संतरे आलू व प्याज की खेती करते हैं संतरे खेत में सड़ रहे हैं आलू प्याज की खुदाई हो चुकी है।  प्रदेश में इतने कोल्ड वेयरहाउस नहीं है कि जहां किसान अपनी उपज रख सकें साथ ही किसान की जेब सदा के भाति खाली है, उनका उत्पादन या तो सड़ रहा है या पानी के मोल बिक रहा है।


 मेरी किसान भाइयों से दूरभाष पर चर्चा हुई कोई बता रहा था अकेला ₹5 किलो, पपीता कोई खरीदने वाला नहीं, तरबूज ढाई से ₹3 किलो सब्जियां मुफ्त के दाम बिक रही है। आप उदाहरण देख सकते हैं शहरों में घर के दरवाजे पर टमाटर ₹7 किलो गिलकी ₹15 किलो तरबूज 10 से ₹15 किलो बेचने वाले आ रहे हैं तो सोचने का विषय है, किसान को तो अपनी फसल की लागत भी नहीं मिल रही है तो किसान अपनी अगली फसल की तैयारी कैसे करें । जबकि रबी की फसल से किसान अपना कर्जे उतारता है, जरूरी खर्चों को का इंतजाम करता है, खरीफ की फसलों की बुवाई की तैयारी करता है ।


*माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान से निवेदन है कि वह अविलंब रबी की फसलों का उपार्जन प्रत्येक गांव में करने का सुनिश्चित करें साथ ही प्रदेश की कृषि उपज मंडी, फल एवं सब्जी मंडी प्रारंभ करें, किसान सोशल डिस्टेंस  के साथ अपनी उपज मंडी बेचने जा सके, साथ ही निवेदन है की सब्जी एवं फल उत्पादक किसानों को की हुई नुकसानी का उचित मुआवजा देते हुए माल ढुलाई के साधन किसानों को सुगमता से मिल सके सुनिश्चित करे।*


*माननीय प्रधानमंत्री जी आपने कहा कोरोना के लिए घर से नहीं निकले हम घर में ही हैं, आपने कहा घंटी बजाओ हम ने घंटी बजाई ताली बजाई, आपने कहा दीपक जलाओ हम दीपक भी जलाएंगे परंतु आपसे निवेदन है कि हमारे अफीम उत्पादक किसानों से अफीम उनके घरों से ही तोल कर के एनडीपीएस के कर्मचारी ले जाए क्योंकि गर्मी के कारण अफीम रोज सूख रही है जिसके कारण जितनी आपके नियम में है उतनी देना सम्भव नही हो पायेगा। आपने पूर्व में ही 10 आरी से घटाकर छह आरी का पट्टा  दे कर हमारी कमर वैसे ही तोड़ दी है । साथ ही निवेदन है मध्य प्रदेश सरकार को अतिरिक्त फंड देने की कृपा करें ।*


मुझे क्षमा करें आपके किसान अन्नदाता कह देने से किसानों की समस्या हल नहीं हो सकती है भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार जैसा कह रहे हैं हम मानते आ रहे हैं आगे भी हम आपके आदेशों को एवं निर्देशों का पालन करेंगे परंतु हमारे किसानों के चेहरों पर मायूसी या निराशा आए यह समझना वह उसकी पूर्ति करना सिर्फ और सिर्फ आपका ही दायित्व व कृतव्य है।


महेंद्र पाटीदार 
प्रदेश अध्यक्ष किसान क्रांति सेना मध्य प्रदेश
व 
प्रदेश उपाध्यक्ष
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेठी
98267 50053