मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश सचिव श्री वरुण पोरवाल एवं मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल के समक्ष रखी उद्योगपतियों की व्यथाl*

*लॉक डाउन के अंतर्गत उद्योगों हेतु पॉवर बिल में राहत की अपील*


*मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कं. के एम. डी. ( प्रबंध संचालक ) से हुई चर्चा*


*मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश सचिव श्री वरुण पोरवाल एवं मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल के समक्ष रखी उद्योगपतियों की व्यथाl*


कोरोना वायरस के वर्तमान संकट से जूझते हुए अधिकांश उद्योग बंद पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में उद्योगों के अस्तित्व का ख़तरा उत्पन्न होने लगा है। उद्योगों के उत्पादन के ठप्प हो जाने एवं ख़र्चे बदस्तूर जारी रहने से आय का श्रोत समाप्त हो चुका है। इन परिस्थितियों के चलते उद्योगपतियों द्वारा शासन से कुछ आवश्यक राहत की अपेक्षा करना स्वाभाविक है।
चेंबर द्वारा विद्युत नियामक आयोग एवं प्रदेश शासन से माँग की गई थी कि, उद्योगों के लिए विद्युत बिलों के परिप्रेक्ष्य में राहत प्रदान की जाये। उल्लेखनीय है कि, गुजरात, पंजाब वं उत्तर प्रदेश राज्यों ने राहतें प्रदान करने हेतु आदेश जारी कर दिये हैं।
अत्यंत खेद का विषय है कि दि. ७ अप्रेल को शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा म. प्र. पॉवर मैनेजमेंट कं. की अनुशंसा पर उद्योगपतियों को निराश करने एवं आशाविहीन होने जैसा राहत पैकेज का आदेश जारी कर दिया है। राहत पैकेज में उल्लेख है कि अप्रेल माह के बिल में स्थाई प्रभाव न जोड़ते हुए उसे मई माह के बिल में जोड़ दिया जाये। इसके अलावा किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है।यह सरासर उद्योगपतियों के से अन्याय है।
अत:  मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश द्वारा एक प्रस्ताव तैयार कर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कं. के प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल  जी  से वार्तालाप कर  उद्योगपतियों की व्यथा  रखी गई  एवं  उन्हें  निवेदन किया गया कि  एक ऐसा राहत पैकेज  उद्योग पतियों को दिया जाए जिससे कि  उद्योगपतियों को इस त्रासदी से निपटने के लिए  संबल मिल सके। मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश सचिव श्री वरुण पोरवाल द्वारा फोन पर श्री विकास नरवाल जी से विस्तृत में इस विषय पर बातचीत करी गई। श्री नरवाल से  चर्चा के दौरान प्रदेश सचिव श्री वरुण पोरवाल  द्वारा विस्तार से चेंबर की ओर से पक्ष रखा कि उद्योगपति क्या चाहते हैं, जो कि निम्नानुसार है:
*१. माह मार्च से जून २०२० तक उद्योगों के लिए बिलिंग का फ़ार्मूला पूर्ण रूप से प्रथक रहे।*
*२. इस अवधि में स्थाई प्रभार शून्य रहे।*
*३. इस अवधि में न्यूनतम प्रभार की देयता नहीं होना चाहिये।*
*४. इस अवधि में वास्तविक खपत पर प्रति यूनिट दर की गणना कर, उस पर ड्यूटी जोड़ कर बिलिंग होना चाहिये।*


श्री विकास नरवाल द्वारा धैर्य से सुझाव सुनने के पश्चात आग्रह किया गया कि, एक ज्ञापन शासन के नाम से बना कर मेल कर दीजिये। पॉवर मेनेजमेंट कं. के एम. डी. के साथ चर्चा कर उस ज्ञापन को अनुशंसा के साथ शासन को भेज दिया जायेगा।
*तत्पश्चात पोरवाल द्वारा आभार व्यक्त कर उपरोक्त माँगों को गंभीरता से लेते हुए स्वीकार करवाने हेतु सार्थक प्रयास करने हेतु आग्रह किया गया।*