संभागायुक्त और आईजी पहुँचे चंदन नगर* *सीमावर्ती नगरीय क्षेत्रों का भी किया भ्रमण*

*संभागायुक्त और आईजी पहुँचे चंदन नगर*
*सीमावर्ती नगरीय क्षेत्रों का भी किया भ्रमण*

 संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी और आईजी श्री विवेक शर्मा ने आज चंदन नगर का भ्रमण किया।  इस बसाहट की विभिन्न गलियों में घूमकर उन्होंने व्यवस्थाएं देखी। यहाँ निवासियों से चर्चा की। चर्चा के दौरान यह संज्ञान में आया कि जिला प्रशासन द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग की टीम यहाँ सर्वे कर रही है और रहवासियों द्वारा उनका सहयोग भी किया जा रहा है।  क्षेत्र में अब किराने की आपूर्ति होने लगी है। संभागायुक्त को यह भी बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा घोषित ग्रीन हास्पिटल श्रेणी के हास्पिटल अभी भी मरीज़ों को उपचार में कुछ आनाकानी कर रहे हैं। श्री त्रिपाठी ने इस संबंध में सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश मौक़े से ही सम्बन्धितों को दिए।  उन्होंने यहाँ विभिन्न गलियों में घूमकर व्यवस्थाएं देखी।  इस दौरान यहाँ उपस्थित रहवासियों ने अपने घरों से कहा कि विगत दिनों इस क्षेत्र में हुई घटना के लिए वे शर्मसार हैं। इस घटना में जो भी लिप्त रहे हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उनके निरीक्षण के दौरान संबंधित कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। 
            संभागायुक्त श्री त्रिपाठी और आईजी श्री शर्मा ने सीमावर्ती नगरीय क्षेत्रों का भी भ्रमण किया। उन्होंने शहर में आने वाले मार्गों में कर्फ्यू के पालन के लिए की गई व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने कहा कि शहर में किसी भी व्यक्ति की अनाधिकृत एंट्री नहीं होनी चाहिए। संभागायुक्त और आईजी लवकुश चौराहा पहुँचे और यहाँ तैनात पुलिस बल से चर्चा की। अधिकारीद्वय ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि यहाँ शहर में अंदर आने वाले वाहनों में आवश्यक काग़ज़ात की अच्छी तरह छानबीन करें। उनके पास निर्धारित अनुज्ञापत्र होना चाहिए। आईजी श्री शर्मा ने तैनात पुलिस बल से कहा कि वे सीसीटीवी  कैमरों के माध्यम से लगातार निगरानी कर रहे हैं। कहीं पर भी लापरवाही पाई तो सख़्त कार्यवाही की जाएगी। 
 संभागायुक्त और आईजी ने लव कुश चौराहे के बाद माँगलिया के टोल नाके का भी निरीक्षण किया। यहाँ पुख़्ता बैरिकेडिंग लगायी गई है। यहाँ तैनात दल को निर्देश दिये कि वाहनों की गहन छानबीन करें। यदि कोई वाहन बग़ैर अनुज्ञा और बेमतलब सड़क पर दिखाई दे तो उसे ज़ब्त कर थाने में भेजा जाए। आईपीसी की धारा 188 के तहत भी कार्यवाही की जाए।